स्वर्ण भस्म का अर्थ है 'सोने की राख', इसे आयुर्वेद में एक प्रकार का रसायन माना गया है। यह शरीर के मूल आधार को मजबूत करता है। जिससे शरीर मजबूत बनता है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।
स्वर्ण भस्म का प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपनी उम्र से छोटा दिखता है। इस पर मौसम का प्रभाव कम पड़ता है और कई गंभीर बीमारियों में स्वर्ण भस्म रामबाण की तरह काम करती है।
यदि शरीर की जीवनीशक्ति कमजोर हो तो शरीर में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। यदि शरीर में कोई रोग हो और शरीर में प्राणशक्ति कम हो तो वह रोग ठीक नहीं होता और कोई दवा असर नहीं करती।
स्वर्ण भस्म शरीर की जीवन शक्ति को बढ़ाने का काम करती है। इससे कई असाध्य रोग भी धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं।